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भगवान् हमारे सभी कार्य करने के लिए सैदव तत्पर रहते हैं। और हम इस से खुश हो जाते हैं। हमे इससे
भगवान् हमारे सभी कार्य करने के लिए सैदव तत्पर रहते हैं। और हम इस से खुश हो जाते हैं। हमे इससे
ये रंग तेरा, कभी उतरे ना,कुछ ऐसा कर दे साँवरिया…मेरा अंग-अंग हो, रंग मेँ तेरे,कुछ ऐसा कर दे साँवरिया…खिल जाये
हे,स्वामनी जूमें अधम हर बक्त आप को टेरता रहता हूँ, मेरी अकारण टेर आप श्री युगलवर जू के नित्य बिहार
यह जीवन भगवान ने दिया है। भगवान ही इसका मालिक हैं। भगवान हर भाव में छुपे हुए हैं।भगवान ने तीन
शरीर को सजाने मे लगे हो जो एक दिन खत्म हो जाएँगा शरीर से पार नहीं पाओगेकभी आत्मा को भी
हम जीतेजी राम जी को भजले हमारी अन्तर्मन में ऐसी भावना जागृत हो कि रोम रोम में राम नाम अंकित
ईश्वर के संबंध में इतनी बातें अवश्य ही दृढ़ता पूर्वक हृदय में धारण कर लेनी चाहिए कि ईश्वर है, सर्वत्र
गुरु ने नस देखी मेरी,और “बीमार” लिख दिया.रोग मैंने पूछा तो,“माया” से प्यार लिख दिया.कर्जदार रहेंगे हम जीवन भर गुरु
सभी को सुख देने की क्षमता भले ही आप के हाथ में न हो…!किन्तु किसी को दुख न पहुँचे, यह
भोली-भाली राधिका,भोले कृष्ण कुमार,कुंज गलिन खेलत फिरें,ब्रज रज चरण पखार। ब्रज की रज चंदन बनी,माटी बनी अबीर,कृष्ण प्रेम रंग घोल