सुविचार 60
हरि नाम जप ले भाई, क्यों व्यर्थ समय गवाते हो,,,जीवन का हर पल अंतिम है, फ़िर क्यों नही अपनी जिव्हा
हरि नाम जप ले भाई, क्यों व्यर्थ समय गवाते हो,,,जीवन का हर पल अंतिम है, फ़िर क्यों नही अपनी जिव्हा
आज का दिव्य संदेश।सदैव स्मरण रखें आप जीवन में सब कुछ पा सकते हैं किंतु जीवन कभी नहीं मिल सकता
हरे कृष्णा जिसके वाणी गदगद हो जाती है, जिसका चित्त द्रवित हो जाता है, जो बार-बार रोने लगता है, कभी
घर में भई खटपट चल पड़े बाबा जी के मठ पर माता पिता पत्नी भाई से झगड़ा हुआ कि बस
एक सेठ ने सत्संग में एक बार सुना की जिसने जैसे कर्म किये है उसे अपने कर्म भोगने पड़ेंगे यह
संसार के बदलनेकी प्रतीक्षा न करें।अन्यथा प्रतीक्षा ही करते रह जाएंगे।अंधकार में ही जियेंगे औरअंधकार में ही विलीन हो जाएंगे।संसार
अपने प्यारे प्रेमी भक्तोंको प्रफुल्लित करनेके लिये प्रभु प्रफुल्लित होते हैं । प्रेममें भी यही स्थिति होती है,प्रेमी और प्रेमास्पद
आध्यात्मिक विचार सारथिमहा अजय संसार रिपु जीति सकइ सो वीर।जाकें अस रथ होइ दृढ़ सुनहु सखा मतिधीर।। कठोपनिषद् के अनुसार
नम: शिवाय श्री गुरु चरणकमलेभ्यो नमः!!ॐ श्री काशी विश्वनाथ विजयते सर्वविपदविमोक्षणम् क्षमा शस्त्रं करे यस्य दुर्जन: किं करिष्यति ।अतॄणे पतितो
आध्यात्मिक विचार कृष्ण! कृष्ण! कृष्ण! भगवान श्रीकृष्ण पूर्णावतार हैं…. उनकी श्रेष्ठता, कृतज्ञता शब्दों में व्यक्त करना हम जैसे सामान्य व्यक्तियों