
क्या ईश्वर है
बोध_कथा सत्य के तीन पहलु भगवान बुद्ध के पास एक व्यक्ति पहुँचा। बिहार के श्रावस्ती नगर में उन दिनों उनका
बोध_कथा सत्य के तीन पहलु भगवान बुद्ध के पास एक व्यक्ति पहुँचा। बिहार के श्रावस्ती नगर में उन दिनों उनका
धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्र समवेता युयुत्सव:। मामका: पांडवाश्चैव किमकुर्वत संजय। । भावा श्लोक 22 अन्याश्चिन्तयन्तो माँ ये जना: पर्युपासते |तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम्
आज का भगवद चिंतन।भगवान श्री कृष्ण भगवद गीता में कहते हैं कि इस भौतिक संसार के प्रत्येक पदार्थ में मैं
ये सम्पूर्ण गीता का सार है जिसमें भगवान कृष्ण अर्जुन को समझाते हैं कि तु मेरा स्मरण चिन्तन करते हुए
गीता का इतना महत्व क्यों है , कभी सोचा है ? आखिर इस पुस्तक पर हाथ रखकर शपथ क्यों दिलाई
श्रीमद्भगवद्गीता में प्रभु ने कहा है “वृष्णिनां वासुदेवोऽस्मि” यादवों में मैं वासुदेव हूँ |ॐ कृष्णऺ वंदे जगद्गुरूम् ॐ“कौन्तेय प्रतिजानीहि न
एक बूढ़ा किसान अपने छोटे पोते के साथ पहाड़ों के बीच एक खेत में रहता था। हर सुबह उसके दादाजी
तलवार,धनुष और पैदल सैनिक कुरुक्षेत्र मे खड़े हुयेरक्त पिपासू महारथी इक दूजे सम्मुख अड़े हुये कई लाख सेना के सम्मुख
आज का प्रभु संकीर्तन।जीवन में सदेव कर्म करते रहना चाहिए। क्योंकि भगवद गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है
पर्व मंथन
आज श्रीमद्भागवत गीता प्राकट्योत्सव है। हिन्दू धर्म के सबसे श्रेष्ठ ग्रन्थ का जन्मोत्सव आज के दिन मनाया