*राम तत्त्व की महिमा *
ऐसी बात नहीं है कि अवधपुरी में राजा दशरथ के घर श्रीराम अवतरित हुए तब से ही लोग श्रीराम का
ऐसी बात नहीं है कि अवधपुरी में राजा दशरथ के घर श्रीराम अवतरित हुए तब से ही लोग श्रीराम का
।। नमो राघवाय ।। अनन्तकोटिब्रह्माण्ड-नायक, भगवान् सर्वान्तरात्मा, सर्वशक्तिमान् की भृकुटि के संकेतमात्र से उनकी मायाशक्ति विश्वप्रपञ्च का सर्जन, पालन तथा
नृत्य-संगीत के उत्सव में, मंदोदरी के कर्णफूल व रावण के मुकट को श्री राम द्वारा एक ही बाण में काट
आदौ रामतपोवनादिगमनं हत्वा मृगं कांचनंवैदेहीहरणं जटायुमरणं सुग्रीवसंभाषणम्।वालीनिर्दलनं समुद्रतरणं लंकापुरीदाहनंपश्चाद्रावणकुंभकर्णहननं एतद्धि रामायणम्।। राम नवमी शुभकामनाएँ 🙏🌹 In the beginning Rama went
।। श्री राम परमात्मने नमः ।। अपने धर्म का अत्यंत निष्काम भाव से आचरण करने से, अत्युत्तम हिंसाहीन कर्मयोग से
जय श्री राम कामिहि नारि पिआरि जिमि लोभिहि प्रिय जिमि दाम।तिमि रघुनाथ निरंतर प्रिय लागहु मोहि राम॥ जैसे कामी को
पुष्प वाटिका में श्री राम और जानकी जी का प्रथम मिलन होता है, जो पूर्वानुराग की अद्भुत और सौंदर्यमयी अभिव्यक्ति
राम चौपाई 🙏सुंदर बन कुसुमित अति सोभा। गुंजत मधुप निकर मधु लोभा॥कंद मूल फल पत्र सुहाए।भए बहुत जब ते प्रभु
जैसे छाया कूप की, बाहरि निकसै नाहिं।जन रज्जब यूँ राखिये, मन मनसा हरि माहि।। वैसे हरि में मन को लगाये
।। गोस्वामी तुलसीदास जी लिखित रामचरितमानस एक अनुपम ग्रंथ है जिसकी एक एक चौपाई मंत्र के समान प्रभाव रखती है।