महर्षि अगस्त्य की कथाएं
ऋषि अगस्त्य के जन्म की कथा एक बार एक समय पर मित्र (सूर्य) और वरुण (बारिश का देवता) अप्सरा उर्वशी
ऋषि अगस्त्य के जन्म की कथा एक बार एक समय पर मित्र (सूर्य) और वरुण (बारिश का देवता) अप्सरा उर्वशी
। सुंदरकांड में 1 से 26 तक जो दोहे हैं, उनमें शिवजी का अवगाहन है, शिवजी का गायन है, वो
जननी,जनक,बन्धु,सुत,दारा…..तन,धन,भवन, सुह्रद,परिवारा…..सबके ममता ताग बटोरी…मम पद मनहि बाँधि बर डोरि….. क्रमशः से आगे……..सन्त जन कहते है कि शरीर के पति
. शिव पुराण में एक कथा आती है, जब स्वयं माता सती भगवान् विष्णु की माया को देख भ्रमित हो
🌹 हर हर हर महादेव जी 🌹 पृथ्वी लोक की एक सच्चाई है कि यहां जो भी आता है, उसे
. महर्षि अगस्त्यजी के शिष्य सुतीक्ष्ण गुरु-आश्रम में रहकर अध्ययन करते थे। विद्याध्ययन समाप्त होने पर एक दिन गुरूजी
ॐ काशी खण्डोक्त पंञ्क्रोशात्मक ज्योतिर्लिंग धार्मिक तीर्थयात्रा ॐ प्राचीन काल में यह विदेह राज्य की राजधानी थी। विदेह राज्य के
पिछले कई दिवसों से धर्म और धर्मशीलता के विषय पर चर्चा चिन्तन हो रहा है ये सारा चिंतन धर्म रथ
भगवान राम ने विभीषण जी का संशय दूर करने के लिए पूरे धर्म रथ का सन्तो ने किस प्रकार से
रावण ने कैलाश पर्वत को उठा लिया फिर धनुष क्यों नहीं उठा पाया और राम ने कैसे धनुष तोड़ दिया