
हे नाथ, हे नारायण, तेरी कितनी असीम कृपा है मेरे ऊपर,
हे नाथ, हे मेरे नाथ, मैं तुम्हें भूलूं नहीं, कभी न भूलूं तुझे, बस इतनी दया रखना हे नाथ मैं

हे नाथ, हे मेरे नाथ, मैं तुम्हें भूलूं नहीं, कभी न भूलूं तुझे, बस इतनी दया रखना हे नाथ मैं

. “ एक समय नारद जी यह जानकर की, भगवान् श्री कृष्ण ब्रज में प्रकट हुए हैं वीणा बजाते हुए
एक आठ साल का लड़का गर्मी की छुट्टियों में अपने दादा जी के पास गाँव घूमने आया। एक दिन वो

।। राम राम ।। मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र उसका अन्तर्मन है। यह उसकी अंदरूनी शक्ति है, जो उसे कुछ

एक रसिक संत हुए श्री बिहारीदास जी। मथुरा की सीमा पर ही भरतपुर वाले रास्ते पर कुटिया बनाकर भजन करते

संसार में ऐसे लोग बहुत मिल जायेंगे जो त्याग और वैराग्य की बातें करते रहते हैं कि यह संसार असार

कितने आश्चर्य की बात है कि संसार का प्रत्येक व्यक्ति परमात्मा को पाना तो चाहता है,परन्तु उसको जानना बिलकुल भी

हरे कृष्ण हरे कृष्ण काल छिछाना है खड़ा, जग पियारे मीतराम सनेही बाहिरा, क्यों सोबय निहचिंत। मृत्यु रुपी बाज तुम

।। हरे कृष्ण ।। तुम अकेले नहीं हो, सारा अस्तित्व तुम्हारे पीछे गुंथा है। ताने-बाने हैं जीवन के; कोई व्यक्ति

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भगवान श्रीहरि ने सदा अपने भक्तों की रक्षा हेतु अनेक अवतार लिए और