सेवाराम और मोतीलाल दो घनिष्ठ मित्र थे
दोनों ही गली-गली जाकर पीठ पर पोटली लादकर कपड़े बेचने का काम करते थे । सर्दियों के दिन थे वह
दोनों ही गली-गली जाकर पीठ पर पोटली लादकर कपड़े बेचने का काम करते थे । सर्दियों के दिन थे वह
.दक्षिण में वेंकटाचल (तिरुपति बालाजी) के समीप कूर्मग्राम में एक कुम्हार रहता था। उसका नाम था भीम। वह भगवान का
. एक महात्मा गंगा किनारे घूम रहे थे। एक दिन उन्होंने संकल्प कियाः ʹआज किसी से भी भिक्षा नहीं माँगूगा।
विवेकानंद अमरीका जा रहे थे, तो राजस्थान में एक राज—परिवार में मेहमान थे। राजा ने उनके स्वागत में एक समारोह
.इनका जन्म पूर्व बंगाल के अंतर्गत मुर्शिदाबाद (काँदी) कोलकाता में हुआ। इन का वास्तविक नाम श्रीकृष्णचंद्र सिंह था।.एक दिन गंगा
. श्री श्यामानंद प्रभु का जन्म सन् 1535ई. को चैत्र पूर्णिमा के दिन पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले के अंतर्गत
.एक हरा-भरा चरागाह था, जहाँ भगवान श्री कृष्ण की गाय चरा करती थीं।.आश्चर्य की बात यह थी कि उस चरागाह
. एक साधु एक वृक्ष के नीचे ध्यान करते थे । वो रोज एक लकड़हारे को लकड़ी काट कर ले
“सम्राट अशोक” की “जन्म- जयंती” हमारे देश में “नहीं मनाई जाती” ?? बहुत सोचने पर भी, “उत्तर” नहीं मिलता! आप
सं0 701 की बात है। मकरान (बलूचिस्तान) – में राजा सहसराय राज्य करते थे। ये भारतीय शूद्र थे – तथा