
बाँवरी गोपी का मनोरथ
वृंदावन की गली में एक छोटा सा मगर साफ़ सुथरा,सजा संवरा घर था। एक गोपी माखन निकाल रही है और

वृंदावन की गली में एक छोटा सा मगर साफ़ सुथरा,सजा संवरा घर था। एक गोपी माखन निकाल रही है और

एक भक्त इमली के वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान् का भजन कर रहा था। एक दिन वहाँ नारद जी महाराज

।। राम राम ।। मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र उसका अन्तर्मन है। यह उसकी अंदरूनी शक्ति है, जो उसे कुछ

वृन्दावन में श्रीकृष्ण का एक ऐसा मंदिर है जो अपने आप ही खुलता और बंद हो जाता है। यह भी

एक रसिक संत हुए श्री बिहारीदास जी। मथुरा की सीमा पर ही भरतपुर वाले रास्ते पर कुटिया बनाकर भजन करते

संसार में ऐसे लोग बहुत मिल जायेंगे जो त्याग और वैराग्य की बातें करते रहते हैं कि यह संसार असार

कितने आश्चर्य की बात है कि संसार का प्रत्येक व्यक्ति परमात्मा को पाना तो चाहता है,परन्तु उसको जानना बिलकुल भी

हरे कृष्ण हरे कृष्ण काल छिछाना है खड़ा, जग पियारे मीतराम सनेही बाहिरा, क्यों सोबय निहचिंत। मृत्यु रुपी बाज तुम

जिस प्रकार कोई खाली दीप में तेल डाल दे,ज्योति रख देऔर उसे जला दें, तो दीपक की ज्योति से चारो

।। हरे कृष्ण ।। तुम अकेले नहीं हो, सारा अस्तित्व तुम्हारे पीछे गुंथा है। ताने-बाने हैं जीवन के; कोई व्यक्ति