
प्रभु मिलन का अवसर
एक बार की बात है कुछ धनवान लोग एक महापुरुष के पास जाया करते थे,परन्तु वहाँ जाकर भी उन महापुरुष
एक बार की बात है कुछ धनवान लोग एक महापुरुष के पास जाया करते थे,परन्तु वहाँ जाकर भी उन महापुरुष
सीता राम पुनीता गायो। भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो॥ घट सों प्रकट भई सो आई। जाको देखत चन्द्र लजाई॥ जो तुम्हरे नित
श्रीराधा-माधव’ जी के साथ…!‘प्रेमवैचित्य का बड़ा सुदंर और प्रत्यक्ष द्रश्य इस लीला में है, प्रेमवैचित्य अर्थात “मिलन और “विरह” एक
एक राजा था,उसके चार बेटे थे। एक दिन राजा ने उन्हें बुलाकर कहा,‘‘जाओ, किसी धर्मात्मा को खोज लाओ,जो सबसे बड़े
ये सम्पूर्ण ब्रह्मांड और यहां पर रहने वाले प्रत्येक जीव का यहां रहने का आधार…… केवल और केवल सर्वनियन्ता सर्वेश्वर
लगभग तीन साल बाद अपने मायके आना हुआ था रानी का …..स्टेशन से टैक्सी लिए वह अपने मायके उस घर
कान्हा बड़े भाव पूर्ण हो जाते है जब माता कैकयी की बात आती है…. ये आज भी उनसे अनन्य प्रेम
,,,,क्या आप भी बचपन मे नाना- नानी, मामा-मामी, दादा -दादी या चाचा-चाची के परिवार के साथ गर्मियों की छूटियो में
वैशाख के महीने में क्योंकि सूर्य के ताप में वृद्धि हो जाती है इसलिए विष्णु के भक्तगणों को जल दान
जय श्री राम जय जय राम महादेव जी को एक बार बिना कारण के किसी को प्रणाम करते देखकर पार्वती