धर्म के साथभावना की पवित्रता
एक राजा था,उसके चार बेटे थे। एक दिन राजा ने उन्हें बुलाकर कहा,‘‘जाओ, किसी धर्मात्मा को खोज लाओ,जो सबसे बड़े
एक राजा था,उसके चार बेटे थे। एक दिन राजा ने उन्हें बुलाकर कहा,‘‘जाओ, किसी धर्मात्मा को खोज लाओ,जो सबसे बड़े
ये सम्पूर्ण ब्रह्मांड और यहां पर रहने वाले प्रत्येक जीव का यहां रहने का आधार…… केवल और केवल सर्वनियन्ता सर्वेश्वर
लगभग तीन साल बाद अपने मायके आना हुआ था रानी का …..स्टेशन से टैक्सी लिए वह अपने मायके उस घर
कान्हा बड़े भाव पूर्ण हो जाते है जब माता कैकयी की बात आती है…. ये आज भी उनसे अनन्य प्रेम
,,,,क्या आप भी बचपन मे नाना- नानी, मामा-मामी, दादा -दादी या चाचा-चाची के परिवार के साथ गर्मियों की छूटियो में
वैशाख के महीने में क्योंकि सूर्य के ताप में वृद्धि हो जाती है इसलिए विष्णु के भक्तगणों को जल दान
जय श्री राम जय जय राम महादेव जी को एक बार बिना कारण के किसी को प्रणाम करते देखकर पार्वती
।। ।। रुद्राक्ष की उत्पत्ति शिव के आंसुओं से मानी जाती है। इस बारे में पुराण में एक कथा प्रचलित
एकबार किसी गांव में सत्संग करने के लिए बाबाकबीर जी और बाबा सूरदास जीदोनो गये शाम को सत्संग में दोनो
भारतीय धार्मिक साहित्य के अमर ग्रंथ (सूरसागर) के रचयिता श्री सूरदास जी का जन्म दिल्ली के सन्निकट सीही ग्राम में