तुम्हारी चाह मे प्रभु मेरा कल्याण
समर्थ रामदास ( छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु )का अम्बादास नाम का एक शिष्य था ।उसकी भक्ति और सेवा भाव
समर्थ रामदास ( छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु )का अम्बादास नाम का एक शिष्य था ।उसकी भक्ति और सेवा भाव
यशोदा जी गोपी से पूछती है -कन्हैया तेरे यहाँ चोरी करने आता है उसकी खबर तुझे होती है?गोपी कहती है-
🙏 तीनो लोको के स्वामी सुधबुद्ध खोकर दौड़े चले जा रहे थे, पीछे पीछे रुक्मिणी, जाम्बवती, सत्यभामा, कालिंदी, मित्रबिन्दा, सत्या,
।। श्रीहरि: ।। आहुः शरीरं रथमिन्द्रियाणिहयानभीषून् मन इन्द्रियेशम्।वर्त्मानि मात्रा धिषणां च सूतंसत्त्वं बृहद् बन्धुरमीश सृष्टम्।। अक्षं दश प्राणमधर्म धर्मौचक्रेऽभिमानं रथिनं
किसी नगर में एक बुढ़िया रहती थी। वह ग्वालिन थी उसके चार पुत्र और एक पुत्री थी। एक समय नगर
।। जय श्री महाकालेश्वर ।। गोदावरी के पावन तट पे “श्वेत” नामक एक ब्राह्मण रहते थे। जो शिवजी के अनन्य
एक बहुत बड़ा मंदिर था। उसमें हजारों यात्री दर्शन करने आते थे। सहसा मंदिर का प्रबंधक प्रधान पुजारी मर गया।
कभी सोचा है भगवान कृष्ण का स्वरूप हमें क्या सिखाता है। क्यों भगवान जंगल में पेड़ के नीचे खड़े बांसुरी
आज यमुना छठ को यमुना महारानी का प्राक्ट्य दिवस है। द्वापर युग में जब धरती पर प्रभु के प्राकट्य होने
पूज्य सद्गुरुदेव जी ने कहा – सचराचर जगत् में सर्वत्र सभी नाम रूपों में ब्रह्म भाव से अवस्थित माँ ब्रह्मचारिणी