अन्तर्मन का साथी
जगत में किसी का कोई अन्तर्मन का साथी नहीं है। हम पृथ्वी पर अपना साथी ढुढने आये हैं। हम पुजा
जगत में किसी का कोई अन्तर्मन का साथी नहीं है। हम पृथ्वी पर अपना साथी ढुढने आये हैं। हम पुजा
एक संन्यासी सारी दुनिया की यात्रा करके भारत वापस लौटा था | एक छोटी सी रियासत में मेहमान हुआ |उस
भगवान् के अन्दर हमे अपना जीवन देखना है। भगवान् मे हमे भगवान् का जीवन दिखना चाहिए। साधक कहता है कि
पत्थर दिल भी पिघल जाते हैं।एक भक्त के भगवान से भाव कहते हैं कि तु मुझे कैसे भी पुकार मै
परमात्मा को दिल में बिठा ले। हे प्रभु, हे स्वामी, हे भगवान् नाथ आज ये दिल तुमसे मिलने के लिए
परमात्मा हमारे जीवन के हर पल को आनंदित करते है। जिस दिन हमे यह अहसास होता है कि परमात्मा मेरे