भक्त के प्राणों में अभिलाषा यहीं जो छिपा है वह प्रकट हो जाए
।। श्रीहरि: ।।भक्त का हृदय एक प्रार्थना है, एक अभीप्सा है- परमात्मा के द्वार पर एक दस्तक है। भक्त के
।। श्रीहरि: ।।भक्त का हृदय एक प्रार्थना है, एक अभीप्सा है- परमात्मा के द्वार पर एक दस्तक है। भक्त के
हम सब पुराने किये हुए पर ही मन बहलाते है हम भी मनुष्य रूप में आये हैं हममे भी चिन्तन
होश होतो दूसरा न तो कल्याणकारी हैऔर न अकल्याणकारी;होश हो तो आप सभी जगह से अपनेकल्याण को खींच लेते हैं।वहीं
भगवान परशुराम जी का सुंदर चित्र जब वह अपनी नन्दिनी को आतताईयों से छूडाकर लाते हैं… सबसे बड़े गौ रक्षक
एक भक्त के दिल की तङफ होती है कब मेरे अन्दर वैराग्य आएगा। भक्त सोचता है पुरण वैराग्य आ जाए
।। ॐ ।। ईश्वर एक है या अनेक ! वह साकार है या निराकार ! इस विषय के क्रम में
महामुनी व्यास को नदी के उस पार जाना था ,और वे नाव के प्रशिक्षा कर रहे थे,कि इतने में वहां
।। राम राम ।। मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र उसका अन्तर्मन है। यह उसकी अंदरूनी शक्ति है, जो उसे कुछ
मैं तो जब इस क्षणभंगुर संसार में आया था,तब तो अबोध शिशु था परन्तु पूर्वाग्रहों मान्यताओं और धारणाओं के आधार
ॐ आध्यात्मिक दर्शन ॐॐ मैं और ज्ञाता ॐॐ इस मैं की खोज ॐज्ञाता:- पुनः पूछता है।हे मैं तुम कौन हो।मैं:-