भगवान (Bhagvan)

मीरा चरित भाग- 63

किसी को अप्रसन्न भी करना नहीं चाहती…. किंतु….. ‘ – निःश्वास छोड़ कर उन्होंने बात पूरी की- ‘अपने चाहने से

Read More...

मीरा चरित भाग-62

‘दृढ़ संकल्प हो तो मनुष्य के लिए दुर्लभ क्या है?’- मीरा ने कहा।‘मेरी इच्छा से तो कुछ होता जाता नहीं

Read More...

मीरा चरित भाग- 61

विरहावेश में उसे स्वयं का भी ज्ञान न रहता।पुस्तकों के पृष्ठ-पृष्ठ-में, वस्त्रों के कोने कोने में, धूल के कण कण

Read More...

हृदय परिवर्तन

एक गाँव मे संत श्री रामदास सत्संग का प्रवचन करने के लिये ठहरे हुये थे वो बहुत ही शालीन स्वभाव

Read More...

मीरा चरित भाग-60

विधाता ने सोच समझ करके जोड़ी मिलाई है, पर आकाश कुसुम कैसे?’‘इसलिए कि वह धरा के सब फूलों से सुंदर

Read More...

दो बाते याद रखो

प्रत्येक मनुष्य स्वयं को दूसरे से श्रेष्ठ समझता है।और दूसरों से आशा भी रखता है।इसलिए वह दूसरे व्यक्ति में दोष

Read More...

मीरा चरित
भाग- 58

‘गणगौर पूजने का मुहूर्त आ गया है बावजी हुकुम, रात को ही भाभी म्हाँरा को कहलवा दिया था।सबेरे नर्मदा जीजी

Read More...

मीरा चरित भाग- 59

मीरा की इस बात पर दोनों की सम्मिलित हँसी सुनकर बाहर बैठी दासियाँ भी मुस्करा पड़ी।‘भीतर का अथवा बाहर का?’-

Read More...

श्रीहनुमान मंत्र

श्रीरामभक्त हनुमानजी के मंत्र, श्लोक और स्तोत्र जपने से हमेशा भक्तो का उद्धार होता आया है, क्योंकि कालों के काल

Read More...