राधाजी का धरावतरण
पूर्वकाल में घटित यह प्रसंग गोलोकधाम का है। श्रीकृष्ण की तीन पत्नियाँ हुईं–श्रीराधा, विरजा और भूदेवी। इन तीनों में श्रीकृष्ण
पूर्वकाल में घटित यह प्रसंग गोलोकधाम का है। श्रीकृष्ण की तीन पत्नियाँ हुईं–श्रीराधा, विरजा और भूदेवी। इन तीनों में श्रीकृष्ण
राधे जू की चरित्र का वर्णन करने का सामर्थ्य ना तो ब्रह्मा जी में है,और ना ही श्री शारदा जी

प्रेमरस से युक्त किशोरी जी! हे किशोर अवस्था वाली राधिके! हे प्रेमरस में सराबोर वृषभानुदुलारी! मेरे ऊपर भी कृपा की

बरसाने में एक दंपति रहता था। जोकि दिन रात लाडली सरकार राधा रानी की पूजा करते थे। राधा रानी की

मंगल बधाई शास्त्रों और तत्वज्ञानी महापुरुषों का मत है कि श्रीराधा जी कोई भिन्न नहीं अपितु उन परम ब्रह्म श्रीकृष्ण

धार्मिक कथाओं के अनुसार, आज से पांच हजारदो सौ वर्ष पूर्व मथुरा जिले के गोकुल-महावन कस्बेके निकट “रावल गांव” में

कुँवरि किशोरी जनम लियौ सब लोक बजे सहदाने।।कहत नन्द बृषभानराय सौ और बात को जानें।आजु भैया ब्रजवासी हम सब तेरेई

सनातन धर्म में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि श्री राधाष्टमी के नाम से प्रसिद्ध है। शास्त्रों में

राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र भगवान शिव द्वारा रचित और देवी पार्वती से बोली जाने वाली राधा कृपा कथा श्रीमती राधा

देवी राधा रचित इस श्रीकृष्ण स्तोत्र का पाठ जो भी प्राणी तीनों कालों में करता है वह कृष्ण की प्रीति