सृष्टिकर्ता’ ही सत्य है
मृत्यु सत्य है, इस सत्य को न मानना ही ‘असत्य’ है। अर्थी उठते समय बोला जाता है कि- ‘राम नाम
मृत्यु सत्य है, इस सत्य को न मानना ही ‘असत्य’ है। अर्थी उठते समय बोला जाता है कि- ‘राम नाम
महादेव जी को एक बार बिना कारण के किसी को प्रणाम करते देखकर पार्वती जी ने पूछा आप किसको प्रणाम
कैलाश पर्वत पर महावतार बाबाजी के साथ एक मुलाकात की कहानी …“मैं पद्मासन में बैठा, मेरा ध्यान आज्ञा चक्र पर
पुराणों के अनुसार, ज्ञानवापी की उत्पत्ति तब हुई थी जब धरती पर गंगा नहीं थी और इंसान पानी के लिए
नंदी महाराज की गवाही मैं शिलादिपुत्र नंदी हूँ, सैकड़ों वर्ष से शीत, आतप, बरखा सहने के बाद एक बार मैंने
एक बार एक शिव-भक्त अपने गावँ से केदारनाथ धाम की यात्रा पर निकला। पहले यातायात की सुविधाएँ तो थी नहीं,