मेरी झोपड़ी के भाग आज जाग जायेंगे …..राम आयेंगे
मेरी झोपड़ी के भाग आज जाग जायेंगे …..राम आयेंगे …।सुबह से यही भजन सुन रहा। एक दो चार आठ बार।हर
मेरी झोपड़ी के भाग आज जाग जायेंगे …..राम आयेंगे …।सुबह से यही भजन सुन रहा। एक दो चार आठ बार।हर
मेरे रघुनन्दन घर आये, श्री राम प्रभु घर आये, हमसब मिलकर दीवाली, पावन त्यौहार मनाये,घर घर में दीप जलाएं, मेरे
।। नमो राघवाय ।। जुबतीं भवन झरोखन्हि लागीं।निरखहिं राम रूप अनुरागीं।। कहहिं परसपर बचन सप्रीती।सखि इन्ह कोटि काम छबि जीती।।
राम बिराजो हृदय भवन मेंतुम बिन और न हो कुछ मन में अपना जान मुझे स्वीकारो ।भ्रम भूलों से बेगि
राम रस बरस्यो री, आज म्हारे आंगन में । परदे हटे आंख से मन से, जान पहचान हुई निजपन से,
*जय श्री राम* दुखी मन को मिलेगा आराम,जिस घडी काम कोई ना आये,उस घड़ी राम आएंगे काम,जपो राम राम भजो
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं वो तो दशरथ राज दुलारे हैं मेरे नयनो के तारे हैं सारे
आये आये मेरे रघुनाथ अवध में चोदा वर्ष के बाद, आगे आगे है बजरंगी राघव के सुख दुःख के संगी,
आन मिलो मोहे राम, राम मेरे । मन व्याकुल है, तन बेसुध है, अँखिओं में आ गए प्राण ॥ तुम
तू प्रेम से ओढ़ले प्यारी चुनरियाँ चुनरियाँ राम नाम की भली, इस चादर की ओट तान के सब की नाव