
हे प्रभु आनंददाता ज्ञान हमको दीजिये,
हे प्रभु आनंददाता ज्ञान हमको दीजिये,शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए। लीजिये हमको शरण में, हम सदाचारी बनें,ब्रह्मचारी धर्म-रक्षक,
हे प्रभु आनंददाता ज्ञान हमको दीजिये,शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए। लीजिये हमको शरण में, हम सदाचारी बनें,ब्रह्मचारी धर्म-रक्षक,
प्रेम ही सत्य है प्रेम ही सुंदर, प्रेम ही शिव है प्रेम प्रीत है प्रेम मीत हैप्रेम रीत है प्रेम
प्रभु तुम हमारे स्वामी तुम प्राण प्यारे श्री राम जय राम जय जय राम हे प्रभु ये भौतिक सुख सच्चे
तू तो कोई अजब है, तेरा अजब तमाशा जग में है।तुही राम, तें रावण मारा, तू ही नन्दकिशोर । तुही
इक़ दर्द छुपा हो सीने में, मुस्कान अधूरी लगती है जाने क्यों बिन श्याम के, हर शाम अधूरी लगती है
हे भक्तगण… ना जाने कौन से गुण परदयानिधि रिझ जाते हैंयही हर भक्त कहते हैंयही सद्ग्रंथ गाते हैं नहीं स्वीकार
भगवान राम अयोध्या नगरी की महीमा का बखान अपने श्री मुख से करते हैं श्री राम जय राम जय जय
हे दीनबंधु शरण हूं तुम्हारी खबर लो हमारीये माना की गलती हमसे हुईं हैंभुलाया है तुझकोअपने पराये का भेद ना
हम हिन्दू सत्य सनातन है। हम शाशवत सत्य सनातन हैहम सुर्य देव की प्रथम किरणहम अटल हिमालय का हिम कण
मेरे प्यारे सांवरे दिल का हाल सुनाती हूंमैं खुशी से फूल जाती हूंजब मैं तुम्हें अपने इतना करीब पाती हूंतब