दीपावली / दिवाली /दीपोत्सव पर आध्यात्मिक विचार
दीपावली / दिवाली /दीपोत्सव की बहुत बहुत बधाइयाँ 🪔 आज का आध्यात्मिक विचार🪔हे कृष्ण….. 🪔 इस दिवाली पर मुझे भी
दीपावली / दिवाली /दीपोत्सव की बहुत बहुत बधाइयाँ 🪔 आज का आध्यात्मिक विचार🪔हे कृष्ण….. 🪔 इस दिवाली पर मुझे भी
कुछ दीप जगाएं है आज दीवाली के लिए। रोशन होंगे जो जहाँ में संग खुशहाली को लिए। एक दीप प्रभु
तुम विराट तुम जीवन धन हो ।तुम सब प्राणो के प्राणअणु-अणु की गति साधन संबल । तुम ज्योतित जय सत्य
प्रबल प्रेम के पाले पड़ के,प्रभु का नियम बदलते देखा।अपना मान भले टल जाए,भक्त का मान न टलते देखा॥ जिनकी
मुझे है काम ईश्वर से, जगत् रूठे तो रूठन दे। बैठ सन्तन की संगत में, करू कल्याण मै अपना ।
निर्बल के प्राण पुकार रहे, जगदीश हरे जगदीश हरे। श्वासों के स्वर झंकार रहे, जगदीश हरे जगदीश हरे ॥ आकाश
हर सुहागिन के दिल का ये अरमान हैप्यारे पिया में बसी उसकी जान है पिया के लिए ही व्रत करती
जीवन की रूलाती घङीयो में, मिलता है प्यार तुम्हारा मुझे, कुछ चाह नहीं बाकी रहती, प्रभु आके तेरे दरबार मुझे
पधारो नाथ पूजा को हृदय मन्दिर सजाया है तुम्हारे वास्ते आसन विमल मन का बिछाया है। लिये जल नयन पात्रों
सांवरिया तेरी जोगन मै बन जाऊं।जोगन बनकर वन वन डोलू, तेरे ही गुण गांऊ। नीज उर की कंपित वीणा पर,