।। जय श्री कृष्ण ।। इटली में मुसोलिनी के यहाँ भारत के प्रतिनिधि के रूप में ओंकारनाथ गये थे। मुसोलिनी
।। जय श्री कृष्ण ।। इटली में मुसोलिनी के यहाँ भारत के प्रतिनिधि के रूप में ओंकारनाथ गये थे। मुसोलिनी

विनय के संदर्भ में शास्त्रों में कहा गया है कि, विनय संपत्ति प्रदान कर सकता है, विनय प्रीति प्रदान कर

हनुमानजी के जीवन में यह विशेषता है कि जो इनके सम्पर्क में आया, उसे इन्होने किसी-न-किसी प्रकार भगवान् की ‘सन्निधि

श्रीहरिः (ब्रह्म बिकानो प्रेमकी हाट) ‘ऐ इला! सुन तो।’ — धीमे स्वरमें श्यामसुंदरने कहा। उनकी बात सुन मैं समीप गयी,

संत हरिदास जी के जीवन की एक घटना है। एक बार की बात है कुछ दुष्टों ने हरिदास जी को

रस राज श्री कृष्ण आनन्दरूपी चन्द्रमा हैं और श्री प्रिया जू उनका प्रकाश है। श्री कृष्ण जी लक्ष्मी को मोहित

परमात्मा चिंतन के अनेक मार्ग है,किंतु हम जैसे गृहस्थ लोगो के लिए नाम जप सबसे सहज,सरल और तीव्र लाभ देने
वृन्दावन ब्रज का हृदय है जहाँ प्रियाप्रियतम ने अपनी दिव्य लीलायें की हैं। इस दिव्य भूमि की महिमा बड़े बड़े

।। श्रीहरि: ।। भक्त का हृदय एक प्रार्थना है, एक अभीप्सा है- परमात्मा के द्वार पर एक दस्तक है। भक्त

एक बार श्यामसुन्दर अपना श्रृंगार कर रहे थे। तभी श्यामसुन्दर ने कुछ सोचकर नन्द गाँव की गोपियों को बुलाया और