भारत के प्रसिद्ध ग्यारह संत और उनके चमत्कार…*
बचपन से आप सुनते आये होंगे कि जब-जब धरती पर अत्याचार बढ़ा, तब-तब भगवान ने किसी ना किसी रूप में
बचपन से आप सुनते आये होंगे कि जब-जब धरती पर अत्याचार बढ़ा, तब-तब भगवान ने किसी ना किसी रूप में
।।संतों, भक्तों और विप्रों की पहचान किसी प्रकारके वेषादि से नहीं की जा सकती है।संतों, भक्तों और विप्रों की पहचान
Thursday, 08 December 2022 आज गोपाल पाहुने आये निरखे नयन न अघाय री ।सुंदर बदनकमल की शोभा मो मन रह्यो
गत पोस्ट से आगे ………….एक दिन की बात है, सभी भगवान् के गुण और प्रभाव की बातें करने लगीं, उसी
|| श्री हरि: || व्रजराज भगवान् श्रीकृष्ण के प्रति अनन्य प्रेम होने में ही इस जीवन की सार्थकता है |
गत पोस्ट से आगे ………….तदन्तर संसार में जितने भक्त कहलाते थे, उनके पास नारदजी गये और बोले – भक्तजी !
गत पोस्ट से आगे ………….एक समय की बात है – भगवान् श्रीकृष्ण का अपने रनिवास में रुक्मिणी आदि के सम्मुख
भक्तों के ह्रदय का जो भाव है, उद्गर है भगवान् में भी वह भाव और उद्गर भरा हुआ है |
गत पोस्ट से आगे ………….सखियों ने कहा – अभी नहीं, अभी तो हमारी रहस्य की बात हो रही है |
गत पोस्ट से आगे ………….हनुमानजी का श्रीरामचन्द्रजी में दास्यभाव था, परंतु अर्जुन का श्रीकृष्ण में दास्यभाव भी था तथा सख्यबाव