कीर्तन मे भाव की शुद्धता
भगवान् ने हमे पुरण बनाया है भगवान ने मानव जीवन दीया हैं । उस के साथ साथ मानव के खाने
भगवान् ने हमे पुरण बनाया है भगवान ने मानव जीवन दीया हैं । उस के साथ साथ मानव के खाने
भगवान नाम, भजन कीर्तन में प्रेम विस्वास और श्रद्धा छीपी हुई है। प्रेम विस्वास श्रद्धा और आन्नद हमे बाहरी बाजार
शबरी की जाति कौन सी ऊंची थी,सुदामा के पास धन कहां था,कुब्जा का रूप सुंदर कहां था,ध्रुव तब कौन सा
कृष्ण भगवान का एक बहुत बड़ा भक्त हुआ लेकिन वो बेहद गरीब था। एक दिन उसने अपने शहर के सब
शुद्ध भावना रखकर भगवान की भक्ति करना, उन परअटल विश्वास रखना और उनकी शरण में अपनेको समर्पित कर देना ही,
. वृन्दावन में एक गरीब ब्राह्मण रहता था। वह बाँकेबिहारी से असीम प्यार करता था। वह बाँकेबिहारी का इतना दीवाना
मेरे प्रभु जी…*एक राधा है जिसने सिर्फ प्रेम,देकर श्रीकृष्ण को पूर्ण किया,एक मीरा जिसने केवल..श्री कृष्ण नाम से विश्वास ,प्रेम
श्रीमद्भागवत जी मे वर्णन आता हैं की जब सुदामा जी महाराज ठाकुर जी से मिलने के लिए जाते हैं
जीवन में हम जैसे भी हो जब भी समय मिले भगवान को भजते रहे भगवान मेरे है मै भगवान का
मुझे नही पता था, की जिंदगी को कैसे जिया जाता है, जैसे सब लोग खाना पीना सोना घूमना फिरना