
भगवान का बनना 1
परमात्मा के नाम में अद्भुत शान्ति और आन्नद समाया हुआ है। भगवान का नाम जो जीव्हा पर रखते हैं। भगवान
परमात्मा के नाम में अद्भुत शान्ति और आन्नद समाया हुआ है। भगवान का नाम जो जीव्हा पर रखते हैं। भगवान
हे परम पिता परमात्मा जी आज ये दिल तुमसे एक ही पुकार कर रहा है। कि हे स्वामी मै तुमको
कोई भगवान की स्तुति सुनाना कोई कथा का विचार करते हुए प्रेम में डूब जाना। भगवान की भक्ति की प्रेम
हे भगवान नाथ, हे स्वामी दिल में एक ही, इच्छा जागृत होती है कब प्रभु प्राण नाथ से मिलन होगा।
जय श्री राम आज हमे अपने अन्दर शान्ति जाग्रत करके अपने तन मन की रक्षा करनी चाहिए। भगवान को भजते
आत्म चिन्तन किया या नहीं परमात्मा के चरणो में समर्पित हुई या नहीं। अन्दर परमात्मा से मिलन की तङफ जगी
भक्त के दिल में भगवान तङफ रहने नहीं देते हैं। भगवान भक्त के दिल की कामना को पुरण करने के
जय श्री राम प्रभु प्राण नाथ को प्रणाम है ।प्रणाम करना हमारी संस्कृति है। प्रणाम साधना है। हम प्रणाम परमात्मा
भगवन्नाम के निरंतर जप का मानव शरीर पर कितना अद्भुत प्रभाव होता है, यही दर्शाती विभिन्न भक्तों के जीवन की
पुजा मन की है आपका अन्तर्मन पुजा करना चाहता है तब उनके सामने मस्तक नवा देने मात्र से पुजा हो