
कृष्ण कन्हैया
तुम संग ब्याह के लिएफेरो की जरूरत कहां,,,?समर्पण हो सच्चा ,तो रिश्ता रहे कैसे कच्चा,, तुम्हारी सुहागिन के लिएसिंदूर की
तुम संग ब्याह के लिएफेरो की जरूरत कहां,,,?समर्पण हो सच्चा ,तो रिश्ता रहे कैसे कच्चा,, तुम्हारी सुहागिन के लिएसिंदूर की
महादेव जी को एक बार बिना कारण के किसी को प्रणाम करते देखकर पार्वती जी ने पूछा आप किसको प्रणाम
ग्यारस का ये दिन अति पावनश्यामधणी संग भक्तों के है मनभावनबाबा की चौखट पर बरसे कितनी ही अंखियां ज्यूँ आसमां
कलयुग के हैं देव निराले, सांवरिया सरकार, जिसने इनसे रिश्ता जोड़ा बन गया रिश्तेदार…… ये रिश्ता पकड़ के रखना, रिश्ते
कृष्णा कृष्णा आए कृष्णा, जगमग हुआ रे अंगना। चाँद सूरज सितारे, झुके चरणों में सारे, आज झूम झूम गाए यमुना॥
हे री कोई आया हे जगत मे. आतम ग्यान कराने वाला। आतम ग्यान करने वाला . रविदास कहाने वाला॥ नहाने
मन चल रे गुरु के धाम हरी हरी गायेगे ॥गाएँगे गवाएंगे नाचेंगे नचाएगे झूमेंगे झुमाएगेमन चल रे गुरु के……….भव बन्धन
मैं वारी जाऊं रे, मैं वारी जाऊं रे, बलिहारी जाऊं रे मारे सतगुरु आंगड़ आया, मैं वारी जाऊं रेसतगुरु आंगड़
भगवान श्री हरि को भजते हुए भक्त भगवान को हर भाव में प्रणाम करता है। प्रभु प्राण नाथ को तन
. एक बार एक व्यक्ति था। वह एक संत जी के पास गया। और कहता है कि संत जी, मेरा