सुविचार 6
नमामि भक्त वत्सलं। कृपालु शील कोमलं॥भजामि ते पदांबुजं। अकामिनां स्वधामदं॥निकाम श्याम सुंदरं। भवांबुनाथ मंदरं॥प्रफुल्ल कंज लोचनं। मदादि दोष मोचनं॥ अर्थ-:
नमामि भक्त वत्सलं। कृपालु शील कोमलं॥भजामि ते पदांबुजं। अकामिनां स्वधामदं॥निकाम श्याम सुंदरं। भवांबुनाथ मंदरं॥प्रफुल्ल कंज लोचनं। मदादि दोष मोचनं॥ अर्थ-:
जय महाकाल हर हर महादेव ॐ नमः शिवाय जय भोले नाथ ॐ नमः शिवाय॥ॐ नम: शिवाय ॥ निराकार मोंकार मूलं
स्नेह, परस्पर समर्पण, प्रेम-भाईचारे तथा जुड़ाव के अभाव से जूझते कुछ सम्बंध केवल समय की धारा में बहते जाने जैसे
||जय श्रीकृष्ण||मित्रों, सुप्रभातम् नदी के बहाव में हर वो वस्तु बह जाती है जो नियंत्रण से बाहर हो, जिसे किसी
!! श्रीहरि: ! कुन्ती जी में कहती हैं – जगद्गुरू ! हमारे जीवन में सर्वदा पद-पद पर विपतियाँ आती रहें;
जब किसी दुःखी परेशान व्यक्ति को सहारा दिया जाता है और उसे तीन शब्द बोले जाते हैं कि “मैं हूँ
हर पल मुस्कुराओ, बड़ी “खास”है जिंदगी…!क्या सुख क्या दुःख ,बड़ी “आस”है जिंदगी… !ना शिकायत करो .ना कभीउदास हो.जिंदा दिल से
प्रातः वंदन,,,,🙏🙏नमःशिवायविचार वो मूर्तिकार है जो आदमी कोवो बनाता है जो वो बनना चाहता हैजिसमे नुकसान सहने की ताकत होवही
श्री राधे🌹🙏जितना अधिक जीवन में संयम होगा उतना अधिक यह मन निर्मल होगा अचल होगा। यह मन चलायमान तभी होता
हर हर महादेवदुनिया में तीन चीज जो कभी भी लंबे समय तक छुप नहीं सकती, वह है सुर्य, चंद्रमा और