सुविचार 8
* जय श्री विष्णु भगवान * एक उम्र होती है जब सिर्फ रूप और रंग महत्वपूर्ण होता है….., एक उम्र
* जय श्री विष्णु भगवान * एक उम्र होती है जब सिर्फ रूप और रंग महत्वपूर्ण होता है….., एक उम्र
जय सियाराम अवश्यमेव भोक्तव्यं कृतं कर्म शुभाशुभम् । नाभुक्तं क्षीयते कर्म कल्पकोटिशतैरपि ।। अर्थात- किया हुआ शुभ
नमामि भक्त वत्सलं। कृपालु शील कोमलं॥भजामि ते पदांबुजं। अकामिनां स्वधामदं॥निकाम श्याम सुंदरं। भवांबुनाथ मंदरं॥प्रफुल्ल कंज लोचनं। मदादि दोष मोचनं॥ अर्थ-:
जय महाकाल हर हर महादेव ॐ नमः शिवाय जय भोले नाथ ॐ नमः शिवाय॥ॐ नम: शिवाय ॥ निराकार मोंकार मूलं
स्नेह, परस्पर समर्पण, प्रेम-भाईचारे तथा जुड़ाव के अभाव से जूझते कुछ सम्बंध केवल समय की धारा में बहते जाने जैसे
||जय श्रीकृष्ण||मित्रों, सुप्रभातम् नदी के बहाव में हर वो वस्तु बह जाती है जो नियंत्रण से बाहर हो, जिसे किसी
!! श्रीहरि: ! कुन्ती जी में कहती हैं – जगद्गुरू ! हमारे जीवन में सर्वदा पद-पद पर विपतियाँ आती रहें;
जब किसी दुःखी परेशान व्यक्ति को सहारा दिया जाता है और उसे तीन शब्द बोले जाते हैं कि “मैं हूँ