आप के नाम में छुपा है राम का नाम
एक बार पुरा गणित लगाकर देख ले आश्चर्य चकित हो जाएंगे।: अद्भुत गणितअदभुत गणितज्ञ “श्री तुलसीदासजी से एक भक्त ने
एक बार पुरा गणित लगाकर देख ले आश्चर्य चकित हो जाएंगे।: अद्भुत गणितअदभुत गणितज्ञ “श्री तुलसीदासजी से एक भक्त ने
धाए धाम काम सब त्यागी।मनहु रंक निधि लूटन लागी।।जनकपुर के निवासियों को जब पता चला कि भूप सुत यानि प्रभु
रावण ने कैलाश पर्वत को उठा लिया फिर धनुष क्यों नहीं उठा पाया और श्री राम ने कैसे धनुष तोड़
।। नमो राघवाय ।। सीता लखन समेत प्रभु सोहत तुलसीदास।हरषत सुर बरषत सुमन सगुन सुमंगल बास।(दोहावली- २) अर्थ-तुलसीदासजी कहते हैं
।। नमो राघवाय ।। राजापुर से थोड़ी ही दूर यमुना के उस पार स्थित महेवा घाट की अति सुन्दरी भारद्वाज
भगवान श्रीराम ने एक बार पूछा कि लक्ष्मण तुमने अयोध्या से लेकर लंका तक की यात्रा की परन्तु उस यात्रा
संत एवं भक्त तुलसीदासकृत रामचरितमानस के उत्तरकांड में एक अद्भुत प्रसंग वर्णित है।शिवजी पूरी रामकथा माता पार्वती को सुनाकर कहते
हरि ॐ तत् सत् जय सच्चिदानंद राजा जनक ने, अष्टावक्र जी से तीन प्रश्न किएवैराग्य केसे हो?ज्ञान की प्राप्ति केसे
राजा दशरथ के मुख से अन्तिम शब्द राम -राम -राम -राम -राम -राम था । छह बार राम शब्द दशरथ
सुंदरकांड पढ़ते हुए 25 वें दोहे पर ध्यान थोड़ा रुक गया* । तुलसीदास ने सुन्दर कांड में, जब हनुमान जी