
प्रत्येक प्राणी में परमात्मा का निवास है।
।। जय श्रीराम जय जय हनुमान ।। प्रत्येक प्राणी में परमात्मा का निवास है। इस घट-घट वासी परमात्मा का जो

।। जय श्रीराम जय जय हनुमान ।। प्रत्येक प्राणी में परमात्मा का निवास है। इस घट-घट वासी परमात्मा का जो
श्रीकृष्ण शयन-कक्ष में कुछ खोज रहे हैं। बार-बार तकिये को उठाकर देख रहे हैं। नीलाभ वक्ष पर रह-रहकर कौस्तुभमणि झूलने
गांव के सरकारी स्कूल में संस्कृत की क्लास चल रही थी। गुरूजी दिवाली की छुट्टियों का कार्य बता रहे थे।

हल्दुआ ग्राम में जब सूरज की किरण पड़ती है तो दूर-दूर फैले झोपड़े दिखाई देने लगते हैं मानो वे खेत

कार्तिक की कहानियाँ 🌹🌻सत्यवान की कहानी🌻🌹 *एक दादी और एक पोती थी, जो रोज सत्यवान की कहानी सुनती थीं। लोटे

एक दिन बाल कृष्ण एक वृक्ष के नीचे बैठे वासुरी बजा रहे थे, तभी उनकी नजर यमुना किनारे खड़े एक

खरमास को लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलित है. भगवान सूर्यदेव अपने सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर लगातार ब्रह्मांड

स्वामी रामदास जी का यह नियम था कि वह स्नान व पूजा से निवृत्त हो कर भिक्षा मांगने के लिए

ग्वालिन के प्राणों में स्पन्दन होने लगता है। पर क्षणभर का भी विलम्ब मनोरथ को तोड़ देगा! ग्वालिन विद्युद्गति से

।। जय भगवान श्री सूर्यनारायण ।। मानव के उद्भव से सम्बंधित उल्लेख श्रुति (वेद) में मिलता है। स्वर्गादि उच्च लोक,