मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र उसका अन्तर्मन है
।। राम राम ।। मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र उसका अन्तर्मन है। यह उसकी अंदरूनी शक्ति है, जो उसे कुछ
।। राम राम ।। मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र उसका अन्तर्मन है। यह उसकी अंदरूनी शक्ति है, जो उसे कुछ
एक रसिक संत हुए श्री बिहारीदास जी। मथुरा की सीमा पर ही भरतपुर वाले रास्ते पर कुटिया बनाकर भजन करते
संसार में ऐसे लोग बहुत मिल जायेंगे जो त्याग और वैराग्य की बातें करते रहते हैं कि यह संसार असार
कितने आश्चर्य की बात है कि संसार का प्रत्येक व्यक्ति परमात्मा को पाना तो चाहता है,परन्तु उसको जानना बिलकुल भी
हरे कृष्ण हरे कृष्ण काल छिछाना है खड़ा, जग पियारे मीतराम सनेही बाहिरा, क्यों सोबय निहचिंत। मृत्यु रुपी बाज तुम
।। हरे कृष्ण ।। तुम अकेले नहीं हो, सारा अस्तित्व तुम्हारे पीछे गुंथा है। ताने-बाने हैं जीवन के; कोई व्यक्ति
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भगवान श्रीहरि ने सदा अपने भक्तों की रक्षा हेतु अनेक अवतार लिए और
।। श्री रामाय नमः ।।एक दिन जब श्रीरघुनाथ जी एकांत में ध्यानमग्न थे, प्रियभाषिणी श्री कौसल्या जी ने उन्हें साक्षात्
पुराने जमाने में एक राजा हुए थे, भर्तृहरि। वे कवि भी थे।उनकी पत्नी अत्यंत रूपवती थीं। भर्तृहरि ने स्त्री केसौंदर्य
तोते का गुण है निर्मोही होना। संन्यासी भी एक बार घर बार रूपी पिंजरा छोड़ देता है तो मुड़ के