मनुष्य-जन्म अनमोल रे
हमारे पिछले जन्मों के पुण्यों के फलस्वरूप ही आज हमें मनुष्य-जन्म का अनमोल अवसर मिला है पर आज हम अपनी
हमारे पिछले जन्मों के पुण्यों के फलस्वरूप ही आज हमें मनुष्य-जन्म का अनमोल अवसर मिला है पर आज हम अपनी
नवमी तिथि मधुमास पुनीता,शुक्ल पक्षअभिजीत नव प्रीता।मध्य दिवस अति शीत न घामा,पवन काल लोक विश्रामा। राम जनम के हेतु अनेका
एक मित्र ने बहुत ही सुंदर पंक्तियां भेजी है, पानी ने दूध से मित्रता की और उसमे समा गया.. जब
जय श्री हरि। एक मनुष्यके पास एक घोड़ा था। घोड़ा भूखा हो, तो दुःख । बिगड़ जाये, तो दुःख ।
एक बार कागज का एक टुकड़ा हवा के वेग से उड़ा और पर्वत के शिखर पर जा पहुँचा…पर्वत ने उसका
पिता बेटी के सर परहाथ रख कर बोला-मैं तेरेलिए ऐसा पतिखोजकर लाऊंगा जो तुझे बहुतप्यार करे,तेरी भवनाओं का सम्मानकरे,तेरे दुख
एक घर मे तीन भाई और एक बहन थी…बड़ा और छोटा पढ़ने मे बहुत तेज थे। उनके मा बाप उन
मां सालों से अपनी वही लोहे की अलमारी में ही सामान रखा करती थी जो नानी ने उनको शादी में
सुबह के समय बैड पर सोया इक्कीस वर्षीय विश्वास उठकर कमरे से बाहर निकल; किचन की ओर आने लगा। किचन
जैसे एक ही चाबी ताले को खोलती भी है और बंद भी करती है, एक ही मन बंधन का भी