
*खाटू श्याम*
बर्बरीक (खाटूश्याम) घटोत्कच के पुत्र और भीम के पोते थे. बर्बरीक भगवान शिव के एक बड़े भक्त थे. तपस्या और
बर्बरीक (खाटूश्याम) घटोत्कच के पुत्र और भीम के पोते थे. बर्बरीक भगवान शिव के एक बड़े भक्त थे. तपस्या और
कमल किशोर सोने और हीरे के जवाहरात बनाने और बेचने का काम करता था। उसकी दुकान से बने हुए गहने
अयोध्या जी में एक उच्च कोटि के संत रहते थे, इन्हें रामायण का श्रवण करने का व्यसन था। जहां भी
जिस प्रकार सोना 18 कैरेट का भी होता है 20 कैरेट का भी होता है 22 का भी होता है
.सन् 1974-75 की बात हैः जयपुर के पास हनुमान जी का मंदिर है जहाँ हर साल मेला लगता है और
–हर हर गंगे! जय जय गंगे पतितपावनी गंगा को देव नदी कहा जाता है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार गंगा स्वर्ग
भगवान श्री राम ने सीता जी के स्वयंवर में गुरु विश्वामित्र जी की आज्ञा से शिवजी का कठोर धनुष तोड़
सरकारी कार्यालय में लंबी लाइन लगी हुई थी। खिड़की पर जो क्लर्क बैठा हुआ था, वह तल्ख़ मिजाज़ का था
.एक बार भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन घूम रहे थे। मार्ग में देखा की एक स्त्री आँखे बंद करके ध्यान
हमेशा की तरह सिमरन करते हुए अपने कार्य में तत्लीन रहने वाले भक्त रविदास जी आज भी अपने जूती गांठने