महाकाली स्तोत्र
यह माँ महाकाली का स्तोत्र, भोग व मोक्ष प्रदायक, मोहिनी शक्ति देने वाला, अघों (पापों) का नाश करने वाला, शत्रु
यह माँ महाकाली का स्तोत्र, भोग व मोक्ष प्रदायक, मोहिनी शक्ति देने वाला, अघों (पापों) का नाश करने वाला, शत्रु
कपिश्रेष्ठाय शूराय सुग्रीवप्रियमन्त्रिणे।जानकीशोकनाशाय आञ्जनेयाय मङ्गलम्।।१।। मनोवेगाय उग्राय कालनेमिविदारिणे।लक्ष्मणप्राणदात्रे च आञ्जनेयाय मङ्गलम्।।२।। महाबलाय शान्ताय दुर्दण्डीबन्धमोचन।मैरावणविनाशाय आञ्जनेयाय मङ्गलम्।।३।। पर्वतायुधहस्ताय राक्षःकुलविनाशिने।श्रीरामपादभक्ताय आञ्जनेयाय मङ्गलम्।।४।।
यह महालक्ष्मी हृदय स्तोत्र का प्रभावशाली लघुरुप है। भगवती महालक्ष्मी के पूजन में लक्ष्मी का आवाहन करने हेतु इसे पढ़ें।
हनुमानञ्जनासूनुर्वायुपुत्रो महाबल:।रामेष्ट: फलगुनसख: पिङ्गाक्षोऽमितविक्रम:।। उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशन:।लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा।। एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:।स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत्।।
जय कामेशि चामुण्डे जय भूतापहारिणि।जय सर्वगते देवि कामेश्वरि नमोऽस्तु ते।। विश्वमूर्ते शुभे शुद्धे विरुपाक्षि त्रिलोचने।भीमरुपे शिवे विद्ये कामेश्वरि नमोऽस्तु ते।।
।। ।। ओङ्कारार्णवमध्यगे त्रिपथगे ओङ्कारबीजात्मिकेओङ्कारेण सुखप्रदे शुभकरे ओकारबिन्दुप्रिये।ओङ्कारे जगदम्बिके शशिकले ओङ्कारपीठस्थितेदासोऽहं तव पादपद्मयुगलं वन्देऽखिलाण्डेश्वरि।।१।। ह्रीङ्कारार्णववर्णमध्यनिलये ह्रीङ्कारवर्णात्मिकेह्रीङ्काराब्धिसुचारुचान्द्रकधरे ह्रीङ्कारनादप्रिये।ह्रीङ्कारे त्रिपुरेश्वरी सुचरिते ह्रीङ्कारपीठस्थितेदासोऽहं
मारुती स्तोत्र हनुमानजी का एक सिद्ध मन्त्र है। इस मन्त्र के माध्यम से आप हनुमानजी की आराधना कर सकतें हैं।
शिवपुराण संहिता में कहा है कि सर्वज्ञ शिव ने संपूर्ण देहधारियों के सारे मनोरथों की सिद्धि के लिए इस ‘ॐ
शिवपुराण संहिता में कहा है कि सर्वज्ञ शिव ने संपूर्ण देहधारियों के सारे मनोरथों की सिद्धि के लिए इस ‘ॐ
कदाचित् कालिन्दी तट विपिन सङ्गीत तरलोमुदाभीरी नारी वदन कमला स्वाद मधुपः।रमा शम्भु ब्रह्मामरपति गणेशार्चित पदोजगन्नाथः स्वामी नयन पथ गामी भवतु