श्रीगणेश- स्तुति
गाइये गनपति जगजगबंदन।संकर-सुवन भवानी-नंदन।।१।। सिद्धि-सदन, गज-बदन, बिनायक।कृपा-सिंधु, सुन्दर, सब लायक।।२।। मोदक-प्रिय, मुद-मंगल-दाता।बिद्या-बारिधि, बुद्धि-बिधाता।।३।। माँगत तुलसिदास कर जोरे।बसहिं रामसिय मानस मोरे।।४।।(गोस्वामी
गाइये गनपति जगजगबंदन।संकर-सुवन भवानी-नंदन।।१।। सिद्धि-सदन, गज-बदन, बिनायक।कृपा-सिंधु, सुन्दर, सब लायक।।२।। मोदक-प्रिय, मुद-मंगल-दाता।बिद्या-बारिधि, बुद्धि-बिधाता।।३।। माँगत तुलसिदास कर जोरे।बसहिं रामसिय मानस मोरे।।४।।(गोस्वामी
चिरकाल की बात है, एक बार धन के देवता कुबेर को अपने अपार धन पर अभिमान हो गया। एक दिन
भगवान शिव और माँ पार्वती के लाल श्री गणेश जी सभी देवों में अग्रपूज्य स्वीकार किए जाते हैं। गणेश जी
१९ सितंबर से दस दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत होगी, जिसका समापन २८ सितंबर होगा। इस साल गणेश चतुर्थी पर
हरतालिका तीज ।।सभी माताओं एवं बहनों कोपावन व्रत हरतालिका तीज कीहार्दिक शुभकामनाएं……….! सुहागिनों के सबसे बड़े पर्व में से एक
जय लक्ष्मी-सन्तोषी शुक्र मंत्र: हिमकुंद मृणालाभं दैत्याना परमं गुरूम्।सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम्।।ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:सर्व मंगल मांगल्ये
गजाननाय गांगेयसहजाय सदात्मने।गौरीप्रिय तनूजाय गणेशायास्तु मंगलम्।। नागयज्ञोपवीदाय नतविघ्नविनाशिने।नंद्यादि गणनाथाय नायकायास्तु मंगलम्।। इभवक्त्राय चेंद्रादि वंदिताय चिदात्मने।ईशानप्रेमपात्राय नायकायास्तु मंगलम्।। सुमुखाय सुशुंडाग्रात्-क्षिप्तामृतघटाय च।सुरबृंद
छ्ठी मनाओ सखी मंगल गाओ। घड़ी घड़ी लाला की छठी मनाओ साखी मंगल गाओ घड़ी घड़ी,,,सखी जमुना जल से स्नान
बच्चे के जन्म के बाद छठी पूजन क्यों किया जाता है? भगवान श्रीकृष्ण का छठी पूजन उत्सव कैसे मनाया गया?
आज नंदोत्सव है । नंदोत्सव अर्थात कल रात्रि में भगवान श्री कृष्ण नर रूप में पृथ्वी तल पर प्रकट हुए