दिल दर्शन करना चाहता
आज भगवान ने हमारे दिलों में दर्शन की तङफ जागृत की है।तङफ बढने पर दर्शन का मजा ही कुछ ओर
आज भगवान ने हमारे दिलों में दर्शन की तङफ जागृत की है।तङफ बढने पर दर्शन का मजा ही कुछ ओर
शरीर तो एक ही है हम जिन्दगी भर यह सोचते हैं अन्य विशेष है अन्य मुझे बहुत सुख देगा।अन्य के
“कुछ हासिल करने के लिए जरूरी नही कि हमेशा दौड़ा जाए…..कुछ चीजें ठहरने से भी प्राप्त होती हैं जैसे सुख,
हमने बहुत से जन्मदिन मनाए बहुत सी शादी की वर्षगांठ मनायी जिस दिन जन्मदिन और वर्षगांठ होती है उस दिन
जब एक पानी की टंकी के पानी को जो कई टोंटियों या नलों में से बह रहा है, सब नल
हमें सम्बन्ध और सम्बन्धी को समझना है सम्बन्धी हमारी आत्मा का है हम जीवन भर घर परिवार और समाज के
हम जीवन भर घर परिवार और समाज के साथ सम्बन्ध बनाते और निभाते हैं। प्रत्येक सम्बन्ध में प्रेम भाईचारे का
एक भक्त की भगवान से कैसे जुड़ता है। यह भक्त के जीवन की कथा है। भक्त के घर की दिवार
ये सब लिला तभी सम्भव है। जब भक्त भगवान् को ध्याते हुए ध्यान की अवस्था में आ जाता है।समाधि में
—पुज्यपाद गुरुदेव के श्रीचरणों में कोटि-कोटि नमन बोध और अनुभूति में अन्तर है। बोध बाह्य विषय से और अनुभूति आन्तरिक