
गो-चारण
आजु मैं गाइ चरावन जैहौं।बृन्दावन के भाँति भाँति फलअपने कर मैं खैहौं ।ऐसी बात कहौ जनि बारे,देखौ अपनी भाँति।तनक तनक
आजु मैं गाइ चरावन जैहौं।बृन्दावन के भाँति भाँति फलअपने कर मैं खैहौं ।ऐसी बात कहौ जनि बारे,देखौ अपनी भाँति।तनक तनक
राम का घर छोड़ना एक षड्यंत्रों में घिरे राजकुमार की करुण कथा है और कृष्ण का घर छोड़ना गूढ़ कूटनीति।
एक बार की बात है, वृन्दावन में एक संत रहा करते थे. उनका नाम था कल्याण. बाँके बिहारी जी के
*ऐसी लगन लगा दे तू , उठ उठ कर मैं रातों को**कभी मैं पकडू माला को , कभी मैं जोडू
भगवान की प्रत्येक लीला रहस्यों से भरी होती है। वे कब कौन-सा काम किस हेतु करेंगे, इसे
आप अभी जानते हैं कि जैसे ही आप बिहारी जी की गली में पहुंचते हैं तो दर्शन के लिए
भगवान श्री कृष्ण गोपियों के नित्य ऋणी हैं, उन्होंने अपना यह सिद्धात घोषित किया है:- ये यथा माँ प्रपधन्ते तांस्तथै
एक समय भगवान कृष्ण ने, अर्जुन को कजली बन में पुष्प लेने के लिए भेजा। हनुमान जी वहां केले के
गरुड़ देव के ये रहस्य आपको आश्चर्यचकित कर देंगे! आखिरकार भगवान विष्णु के वाहन गरूढ़ का क्या रहस्य है? क्यों
“अरे मैय्या को तो सब पता है..।इनको कैसे पता चला की मैं पिछले जन्मो में एक बार सूकर के रूप