
प्राण प्रतिष्ठा के बाद ठाकुर जी विग्रह में प्राण आ जाते हैं
यह निश्चित हो गया की प्राण प्रतिष्ठा के बाद निश्चित ही ठाकुर जी विग्रह में आ जाते हैं। एक दिन
यह निश्चित हो गया की प्राण प्रतिष्ठा के बाद निश्चित ही ठाकुर जी विग्रह में आ जाते हैं। एक दिन
सम्भालो दास को दाता ,मेरी सुध क्यूं भुलाई है ।ना जाने आज क्यों फिर से,तुम्हारी याद आई है ।। नजर
एक बार कलकत्ता से बूढ़े ब्राह्मण श्री बिहारी जी के दर्शन के लिए वृंदावन आये तो प्रभु से मिलने के
वृंदावन में बाँकेबिहारी जी मंदिर में बिहारी जी की काले रंग की प्रतिमा है। इस प्रतिमा के विषय में मान्यता
एक अत्यंत रोचक घटना है, माँ महालक्ष्मी की खोज में भगवान विष्णु जब भूलोक पर आए, तब यह सुंदर घटना
यह प्रसंग अथर्ववेद के श्रीकृष्णोपनिषत् से उल्लखित है । श्रीकृष्ण के परिकर के रूप में किस देवता ने क्या भूमिका
एक बार तुलसी दास जी वृन्दावन आये .वहॉ पर वह नित्य ही बिहारी जी के दर्शन को जाते थे.मंदिर में
.नंदग्राम के पावन सरोवर के तीर पर श्री सनातन गोस्वामीपाद की भजन-कुटी में श्री गौरदास बाबा जी भजन करते थे।.वे
भगवान श्री कृष्ण कि दो पत्नियाँ बताई गई है – एक तो श्री देवी और दूसरी भू देवी, जब भगवान
श्री कृष्ण कृपा करोजीवन बने महानमैं पतित पावन बनूँमेरा कोटि कोटि प्रणामप्रातः समय उठ नींद सेप्रथम धरूँ तेरा ध्यानफिर दिन