भगवान (Bhagvan)

भक्तराज हनुमान

हनुमानजी के जीवन में यह विशेषता है कि जो इनके सम्पर्क में आया, उसे इन्होने किसी-न-किसी प्रकार भगवान् की ‘सन्निधि

Read More...

श्रीगणेश मंगलाष्टकम् ।।

गजाननाय गांगेयसहजाय सदात्मने।गौरीप्रिय तनूजाय गणेशायास्तु मंगलम्।। नागयज्ञोपवीदाय नतविघ्नविनाशिने।नंद्यादि गणनाथाय नायकायास्तु मंगलम्।। इभवक्त्राय चेंद्रादि वंदिताय चिदात्मने।ईशानप्रेमपात्राय नायकायास्तु मंगलम्।। सुमुखाय सुशुंडाग्रात्-क्षिप्तामृतघटाय च।सुरबृंद

Read More...

भक्तिरसामृतसिन्धु में भगवान् “श्री कृष्ण” के 64 गुण बताए गए हैं जो इस प्रकार हैं –

भक्तिरसामृतसिन्धु में भगवान् “श्री कृष्ण” के 64 गुण बताए गए हैं जो इस प्रकार हैं – (1) सम्पूर्ण शरीर का

Read More...

मीरा चरित भाग- 79

महाराणा ने पहले तो समझा कि नखरे कर रहा है, किंतु जब गर्दन ढल गई तो उनके मुख से निकला-

Read More...

मीरा चरित भाग- 78

उदयकुँवर बाईसा का आश्चर्य उनके हृदय को मथे जा रहा था। भजन पूरा होने पर मीरा ने धोक दी।हृदय का

Read More...

प्रेम तत्व

श्री राधा कितना सुंदर भाव है प्रेम ॥संसार में प्रेम को सर्वाधिक मधुर भावना माना जाता है ॥ जबकी संसार

Read More...

सखियों के श्याम (भाग 2)

श्रीहरिः (ब्रह्म बिकानो प्रेमकी हाट) ‘ऐ इला! सुन तो।’ — धीमे स्वरमें श्यामसुंदरने कहा। उनकी बात सुन मैं समीप गयी,

Read More...