कागभुषुंडी
कौवे के रूप में दिखने वाले कागभुषुंडी प्रभु श्रीराम के बहुत बड़े भक्त थे। इन्हें वरदान प्राप्त था कि वो
कौवे के रूप में दिखने वाले कागभुषुंडी प्रभु श्रीराम के बहुत बड़े भक्त थे। इन्हें वरदान प्राप्त था कि वो
जहाँ स्वयं भगवान अवतार लेकर आएं उससे बड़ा तीर्थ और कौन हो सकता है। एक बार लक्ष्मणजी तीर्थ यात्रा पर
आप छ महीने राम को भज कर देखो। मै लेखिका नहीं हूं मैंने बस मेरे अराध्य भगवान नाथ श्री राम
क्या कभी सोचा है कि बहुत से लोग जब एक दूसरे से मिलते हैं तो आपस में एक दूसरे को
अवधपुरी में राजा दशरथ के घर श्रीराम अवतरित हुए तब से ही लोग श्रीराम का भजन करते हैं, ऐसी बात
सुंदरकांड में एक प्रसंग। “अशोक वाटिका” में जिस समय रावण क्रोध में भरकर, तलवार लेकर, सीता माँ को मारने के
एक मंत्र में पूरी रामायण का सार भगवान राम की आराधना करने के लिए रामायण में एक मंत्र बहुत ही
त्रेतायुग की प्रतिज्ञा भगवान ने द्वापरयुग में पूरी की! सेतु-बंधन के लिए वानरदल द्वारा पर्वत-खण्डों का लाना। हनुमानजी, सेतु-बंधन और
श्रीहरिःघडी रात गये कुछ ग्रामीण माताएँ आयी और दो भोग-थाल निवेदन करती हुई बोली – आज़ हमारे यहाँ भगवान की
।श्रीहरिः। प्रयागदत्त बहिन-जीजा जी से मिलने बड़ी प्रसन्नता और उत्सुक्ता मे चले । मन मे यही होता कि कैसे शीघ्र