
प्राणी लोक मुझे भी ले चल भोले जोगिया
प्राणी लोक मुझे भी ले चल भोले जोगिया, होके नन्द पे सवार जाऊ केलाश पार धरती घुमं दे पापियों के

प्राणी लोक मुझे भी ले चल भोले जोगिया, होके नन्द पे सवार जाऊ केलाश पार धरती घुमं दे पापियों के

म्हारा मन तरसे भोले मिलने को तरस ते है लॉकडाउन हटा भोले कावड को तरस ते है म्हारा मन तरसे

बम बम बोल के तू तर जाएगा शंकर शम्भु बोल के तू तर जाएगा बम बम बोल के तू तर

मेरे शिव डमरू वाले,हमें चरणों से लगाले पड़ी मझधार में नैया भोले उसे पार लगादे रहे बनके सेवादार हमकांधे पे

लाये डाक कावड भोले हरिद्वार से, सारे जग में भोले की सरकार से छम छम नाचे कवाडिया बन के भोला

शंकरा मेरे शंकरा……. डमक डम डमरू बाजे हो मेरा भोला नाचे सावन में घिर घिर आई घटाएं खोल दी भोले

भजा दे डमरू फिर भजा दे, ओह भोले धमक उठा दे पिके थोड़ी भंग तू आजा मेरे संग तू ठुमका

क्यों रूठे सब से यु भोले हमे मन्दिर बुलाये न ये सावन प्यासा रह जाए जो कावड हम ला पाए

जय भोले तेरी शरण मैं आई प्रेम सुधा का प्याला पिया प्रेम की बूटी खाई जय भोले……………. भूतनाथ है रुद्रनाथ

दरश करो शिव जी के करो शुभ दिन जिन्दगी के, दूर करो ग़म जी के मिले सारे सुख धरती के