शरीर मैं नहीं हूँ-
शरीर मैं नहीं हूँ- इसमें ज्यादा जोर नहीं लगाना है। एक सिद्धान्तकी बात है कि किसी दोषको मिटानेके लिये ज्यादा
शरीर मैं नहीं हूँ- इसमें ज्यादा जोर नहीं लगाना है। एक सिद्धान्तकी बात है कि किसी दोषको मिटानेके लिये ज्यादा
सभी देशवासियों कोआदि शंकराचार्य जन्मोत्सवमंगलवार २५,अप्रैल २०२३ कीहार्दिक शुभकामनाएं…..! आदि शंकराचार्य एक महान हिन्दू दार्शनिक एवं धर्मगुरु थे। आदि शंकराचार्यजी
प्रातः वंदन,,,,🙏🙏नमःशिवायहमारा शुद्धिकरणशरीर जल से,मन सत्य से बुद्धि ज्ञान सेऔर आत्मा संस्कार से पवित्र होती हैंअगर आप भीतर से बिलकुल
गतांक से आगे – माता के बिना बालिका गौरा का पालन पोषण उसके पिता क्षितिश चन्द्र चक्रवर्ती कर रहे थे
जा पर कृपा राम की होई।ता पर कृपा करहिं सब कोई॥जिनके कपट, दम्भ नहिं माया।तिनके ह्रदय बसहु रघुराया॥जिन पर राम
बाँकेबिहारी मैं वारी बलिहारी पिय,प्रीतम हितकारी मो ओरि को निहारिये !! दरशन दो आन मोको दासी निज जान कान्हा,करुणानिधान विरह
सरकारी कार्यालय में लंबी लाइन लगी हुई थी। खिड़की पर जो क्लर्क बैठा हुआ था, वह तल्ख़ मिजाज़ का था
हिंदू धर्म में चार धाम यात्रा का अपना एक विशेष महत्व है। इनमें गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम शामिल
राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत पुराण सुनातें हुए जब शुकदेव जी महाराज को छह दिन बीत गए और तक्षक ( सर्प
🙏 पुण्यों का मोल 🙏.एक व्यापारी जितना अमीर था उतना ही दान-पुण्य करने वाला, वह सदैव यज्ञ-पूजा आदि कराता रहता