
कामना ही जन्म का कारण है एक रोचक कथा-
भगवान बुद्ध के एक शिष्य तिस्य को किसी ने एक मोटे सूत की चादर भेट की लेकिन चादर काफी भारी
भगवान बुद्ध के एक शिष्य तिस्य को किसी ने एक मोटे सूत की चादर भेट की लेकिन चादर काफी भारी
भगवान श्री कृष्ण कहते हैं भक्त में बहुत सारे गुणों का समावेश होता हैं।भक्त केवल मन्दिर में दर्शन करने वाला
दक्ष उवाच।गणेशकीलकं ब्रह्मन् वद सर्वार्थदायकम्।मन्त्रादीनां विशेषेण सिद्धिदं पूर्णभावतः।।१।। मुद्गल उवाच।कीलकेन विहीनाश्च मन्त्रा नैव सुखप्रदाः।आदौ कीलकमेवं वै पठित्वा जपमाचरेत्।।२।। तदा वीर्ययुता
शरीर मैं नहीं हूँ- इसमें ज्यादा जोर नहीं लगाना है। एक सिद्धान्तकी बात है कि किसी दोषको मिटानेके लिये ज्यादा
सभी देशवासियों कोआदि शंकराचार्य जन्मोत्सवमंगलवार २५,अप्रैल २०२३ कीहार्दिक शुभकामनाएं…..! आदि शंकराचार्य एक महान हिन्दू दार्शनिक एवं धर्मगुरु थे। आदि शंकराचार्यजी
प्रातः वंदन,,,,नमःशिवायहमारा शुद्धिकरणशरीर जल से,मन सत्य से बुद्धि ज्ञान सेऔर आत्मा संस्कार से पवित्र होती हैंअगर आप भीतर से बिलकुल
गतांक से आगे – माता के बिना बालिका गौरा का पालन पोषण उसके पिता क्षितिश चन्द्र चक्रवर्ती कर रहे थे
जा पर कृपा राम की होई।ता पर कृपा करहिं सब कोई॥जिनके कपट, दम्भ नहिं माया।तिनके ह्रदय बसहु रघुराया॥जिन पर राम
बाँकेबिहारी मैं वारी बलिहारी पिय,प्रीतम हितकारी मो ओरि को निहारिये !! दरशन दो आन मोको दासी निज जान कान्हा,करुणानिधान विरह
सरकारी कार्यालय में लंबी लाइन लगी हुई थी। खिड़की पर जो क्लर्क बैठा हुआ था, वह तल्ख़ मिजाज़ का था