बिना बाँटे, अकेले खानेसे भोजन पापरूप हो जाता है
ऋग्वेद हमें यह शिक्षा देता है कि दूसरोंको श्रद्धापूर्वक देकर अवशिष्ट भागको स्वयं ग्रहण करना चाहिये। ऐसा कभी न करे
ऋग्वेद हमें यह शिक्षा देता है कि दूसरोंको श्रद्धापूर्वक देकर अवशिष्ट भागको स्वयं ग्रहण करना चाहिये। ऐसा कभी न करे
एक साधुने एक नरेशका कोषागार देखनेकी इच्छा प्रकट की। श्रद्धालु नरेश साधुको लेकर कोषागारमें पहुँचे। हीरे, मोती, नीलम, पन्ने आदिका
रूसो उस समय बालक था। रविवार के दिन पाठशालाकी छुट्टीमें उसे अपने चाचाके यहाँ गये बिना चैन नहीं पड़ती थी।
किसी राजाके चार रानियाँ थीं। एक दिन प्रसन्न होकर राजाने उन्हें एक-एक वरदान माँगनेको कहा। रानियोंने कह दिया- ‘दूसरे किसी
दलदलकी गहराई किसी नगरमें एक राजा राज्य करता था। उसका ह एक मन्त्री था, जो बड़ा ही लोभी तथा धैर्यहीन