“जल्दी” और “देर”
हमारे जीवन की सभी समस्याओं की वजह सिर्फ दो शब्द है.? हम सपने बहुत जल्दी देखते हैं,और कार्य बहुत देरी
हमारे जीवन की सभी समस्याओं की वजह सिर्फ दो शब्द है.? हम सपने बहुत जल्दी देखते हैं,और कार्य बहुत देरी
।। ॐ नमो भगवते गोविन्दाय ।। जिनके हृदय में निरन्तर प्रेमरूपिणी भक्ति निवास करती है, वे शुद्धान्त:करण पुरुष स्वप्न में
हरि ॐ तत् सत् जय सच्चिदानंद 🌹🙏 मनुष्य के तीन शरीर होते हैं।पहला आकार आकृति से रहित निरंकारफिर सुक्ष्म शरीरमन
ऐसा निष्काम बनना चाहिये कि यदि राम-नाम के बदले में कोई तुम्हें सुवर्ण से भरी हुई पृथ्वी देता हो तो
आध्यात्मिक विचारकृष्ण! कृष्ण! कृष्ण! ✨ उनकी श्रेष्ठता, कृतज्ञता शब्दों में व्यक्त करना हम जैसे सामान्य व्यक्तियों के लिए असंभव सी
भगवान की सच्ची भक्ति करोड़ो में से कोई एक करता है। किसी के दिल में यह प्रश्न उठता है कि
मन को राम राम सुनाओ हम सोचते हैं कि मै राम को भजता हूँ राम मेरे सब काम कर देंगे
शिष्य का कर्तव्य है गुरु के पवित्र मुख से जो आज्ञाएँ निकले उनका पालन करना यही सनातन धर्म की मर्यादा
ये जगत, प्रेम को वासना ही समझ बैठा है।पर प्रेम उपासना है । प्रेम साधना है।प्रेम चेतना की उच्चतम अवस्था
मोह बाह्य आडम्बर है, किंतु प्रेमको आन्तरिक अनुभूति कहा जाता है । मोहका सांसारिक पदार्थोंसे घनिष्ठ सम्बन्ध होता है, जबकि