
मीरा चरित भाग 7
ठाकुरजीको ही बाहर ले जाकर दिखा देती न? सारे रनिवासमें दौड़म-दौड़ मच गयी।’ ‘बीनणी! काला री गत कालो इ जाणे।
ठाकुरजीको ही बाहर ले जाकर दिखा देती न? सारे रनिवासमें दौड़म-दौड़ मच गयी।’ ‘बीनणी! काला री गत कालो इ जाणे।
वहाँ जाकर झरोखेमें लकड़ीकी चौकी सीधी करके और उस पर अपनी नयी ओढ़नी बिछा करके ठाकुरजी को विराजमान कर दिया।
कृष्णभक्त संत द्वारा प्रदत्त ठाकुर जी … एक बार ऐसे ही मीरा राज महल में ठहरे एक संत के समीप
कठिनाई उस समय हुई जब बड़ी बहन गुलाब कुँवर बाईसा ने कहा “मुंह खोलो भाई! बेटी के बाप बने हो।
राव जयमल की तीन रानियां थी। इनमें से दो राजकुमारी और सोलह राजकुमार हुए। पांचवे पुत्र मुकंद दास उनके उत्तराधिकारी
राव दूदा की संतति……. राव दूदा के पांच पुत्र हुए- वीरमदेव, रायमल, रायसल, रतनसिंह और पंचायण।(१) राव वीरमदेव:- राव दूदा
मेड़ता का राठौड़ राजवंश…… भारत का एक प्रांत है राजस्थान। इसी राजस्थान का एक क्षेत्र है मारवाड़ जो प्रसिद्ध है