
ईश्वर को खोजना नहीं, खोदना होता है
ईश्वर आलोक, आनंद और अमृत के परम अनुभव का नाम है। ईश्वर को कहीं बाहर खोजा या पाया नहीं जा

ईश्वर आलोक, आनंद और अमृत के परम अनुभव का नाम है। ईश्वर को कहीं बाहर खोजा या पाया नहीं जा

“वृंदावन” में एक भक्त रहते थे जो स्वभाव से बहुत ही भोले थे। उनमे छल, कपट, चालाकी बिलकुल नहीं थी।

‘हे उद्धव! शंकर, ब्रम्हा, बलराम, लक्ष्मी और स्वंय अपना आत्मा भी मुझे उतना प्रिय नहीं है,जितने प्रियतम तुम हो!’ भगवान्

।। ॐ नमो भगवते गोविन्दाय ।। जिनके हृदय में निरन्तर प्रेमरूपिणी भक्ति निवास करती है, वे शुद्धान्त:करण पुरुष स्वप्न में

ऐसा निष्काम बनना चाहिये कि यदि राम-नाम के बदले में कोई तुम्हें सुवर्ण से भरी हुई पृथ्वी देता हो तो

भक्त भगवान की भक्ति करता है तब मार्ग में उसे अनेक कठिनाइयों का सामना करना पङता है। प्रथम मन का

भगवान की सच्ची भक्ति करोड़ो में से कोई एक करता है। किसी के दिल में यह प्रश्न उठता है कि

हम सुबह उठते ही भगवान को याद करते हैं घर के कार्य चल रहे हैं दिल कहता है कि जल्दी

मन को राम राम सुनाओ हम सोचते हैं कि मै राम को भजता हूँ राम मेरे सब काम कर देंगे

मीराबाई भक्तिकाल की एक ऐसी संत हैं, जिनका सब कुछ कृष्ण के लिए समर्पित था। यहां तक कि कृष्ण को