शिव जी ने अपने कंठ में राम नाम क्यों धारण किया है।
ॐनमःशिवाय राम जी के सबसे बड़े भक्त शिवजी है।शिवजी निरन्तर राम ,नाम का जप करते है।रामायण के सबसे प्राचीन आचार्य
ॐनमःशिवाय राम जी के सबसे बड़े भक्त शिवजी है।शिवजी निरन्तर राम ,नाम का जप करते है।रामायण के सबसे प्राचीन आचार्य
श्रीहरिः सारे जगत् के आत्मा भगवान् श्रीकृष्ण हैं। यह जगत् तभी सुखी होता है, शान्ति पाता है, जब अपनी आत्मा
बनारस में उस समय कथावाचक व्यास डोगरे जी का जमाना था। बनारस का वणिक समाज उनका बहुत सम्मान करता था।
लेखिका : ~ सुभद्रा कुमारी चौहान जी..।। सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,बूढ़े भारत में आई फिर से
जब भगवान स्त्री की रचना कर रहे थे तब उन्हें काफी समय लग गया। छठा दिन था और स्त्री की
|शुक्राचार्य की पुत्री #देवयानी की प्रेम कहानीशुक्राचार्य की पुत्री देवयानी के प्रेम और विवाह की ये कहानी बहुत ही रोचक
.बात है प्रभु श्री कृष्ण के बाल्यकाल की। कन्हैया को माखन चोरी का बहुत शौक था।.सब गोप ग्वालो के साथ
स्वामी उग्रानन्दजी बहुत अच्छे सन्त थे। आप बड़े सहिष्णु तथा सर्वत्र भगवद्बुद्धि रखने वाले थे। एक बार आप
.एक बार एक स्वामी जी भिक्षा माँगते हुए एक घर के सामने खड़े हुए और उन्होंने आवाज लगायी,.भीक्षा दे दे
एक पुत्र अपने वृद्ध पिता को रात्रिभोज के लिये एक अच्छे रेस्टोरेंट में लेकर गया। खाने के दौरान वृद्ध पिता